बढ़ते बच्चो के सामने अपनी सेक्स लाइफ़ कैसे जिये

जिनकी तस्वीर मन में बसी होती है जो जिंदगी का आदर्श बन जाते हैं और बच्चो की तुलना इश्वर से की जाती है यदि वही छवि धूमिल हो जाए तो क्या हो जी हां बच्चों के लिए माता पिता की तस्वीर कुछ ऐसी ही होती है इन के पहले कि आप की एक छोटी सी भूल बच्चों के दिल में हमेशा के लिए नफरत पैदा कर दे जानिए सेक्स संबंधी कुछ जरूरी बातें


एक जमाना था जब गांव के बड़े बड़े घर आंगन हुआ करते थे बच्चे अलग और माता-पिता के कमरे अलग होते थे घर में दादा-दादी हुआ करते थे और बच्चे थोड़े बड़े हुए कि वे दादा दादी के साथ सोने लगते थे परी जिन की कहानियां सुनते थे।

अपने माता-पिता की निजी जिंदगी से बच्चे एक तरफ से अनजान रहते थे यह तो बात हुई बीते जमाने की लेकिन अब नया वह बड़े से घर आंगन रहे गए हैं ना ही उनकी बड़े बड़े कमरे सिर झुकाने के लिए छत मिल जाए वही बहुत है ऊपर से मेट्रो सिटी में तो एक कमरे में ही व्यक्ति की सारी दुनिया सिमट कर रह जाती है ऐसे में सबसे मुश्किल होती है माता पिता के लिए सेक्स लाइफ जो उनकी जिंदगी का बहुत जरूरी हिसा है उसे बच्चों के रहते मेंटेन करना एक समस्या बन जाती है खासतौर पर जब बच्चे बड़े होने लगे और हर चीज को समझने के लायक होने लगे कहीं ऐसा नहीं हो कि आप दोनों की छोटी सी लापरवाही बच्चे के मन में आपकी गलत छभी बना दें इसी समस्या पर हमने बात की प्रसिद्ध डॉक्टर राजन भोसले से जब बच्चे बड़े होने लगते हैं तो माता-पिता की मुश्किलें बढ़ना संभव है खासतौर पर सेक्स को लेकर परेशानी होना आम बात है इसी मामले में कई बातें हैं उनहें ध्यान से अधिकतर लोगो का सोचना है कि सेक्स रात में  होना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं है यदि बच्चों की वजह से आप रात को सेक्स नहीं कर पाते हैं तो दिन में भी जब बच्चे बाहर खेल रहे हो तो या स्कूल गए हो माता पिता दोनों ही फुरसत में हो तो ऐसे समय मे सेक्स किया जा सकता है
सेक्स करते समय इस बात का ख्याल जरूर रखें कि दरवाजे की कुंडी ठीक तरीके से बंद हो वरना है असावधानी की स्थिति में यदि बच्चा आपके कमरे में आ जाए और आप दोनों को गलत स्थिति में देख ले तो उनकी मानसिकता पर बुरा असर पड़ सकता है यदि रात को सेक्स करते हो तो सेक्स के बाद दरवाजे की कुंडी खोल दे कई माता-पिता बच्चों को बचपन से ही अपने पास सुलाते हैं जब तक बच्चा छोटा है और नासमझ है तब तक तो ठीक है पर उनकी उम्र के साथ पिता की परेशानी बढ़ जाती है इसलिए जब बच्चा 5 साल का हो जाए तो उसे अलग सुलाने की आदत डालें दूसरे कमरे में सुलाते समय यह भी ध्यान रखें कि बच्चे के कमरे में नौकर न हो वरना उनका गलत फायदा उठा सकता है यदि एक ही कमरे का फ्लैट हो तो रात को पर्दे के द्वारा कमरे में पार्टीशन कर दें बच्चे बहुत कोमल मन के होते हैं इस उम्र में घटी छोटी सी भी घटना भी उसके मन पर बुरा प्रभाव डाल सकती है।
यहां तक कि बड़े होने पर यह घटनाएं उनके मन में कहीं गहरे तक अपनी छाप छोड़ जाती है जिन्हें मिटाना असंभव हो जाता है


यदि बच्चा माता पिता को सेक्स करते हुए देख ले तो क्या परिणाम हो सकते हैं


 यदि आपने बच्चा माता पिता को सेक्स करते हुएदेख ले तो उनके मन में माता पिता के लिए नफरत पैदा हो सकती है सेक्स के प्रति घृणा हो सकती है बचपन में जो कुछ देखा होता है उनका असर उनकी खुद की शादी शुदा जिंदगी पर भी प़ड़ सकता है उनके मन में पली घृणा  करने से उनकी सेक्स लाइफ भी बिगड़ सकती है कई बार बच्चा अपराध बोध से ग्रस्त हो जाता है उनने वह दृश्य क्यों देखा वह स्वयं को दोषी ठहराने लगता है। हस्तमैथुन की आदत हो जाती है अपनी मां को इस अवस्था में देखने केबाद कई लड़कों को आगे चलकर बड़ी उम्र की महिलाओं के प्रति आकर्षण बढ़ने लगता है कहीं केस में उम्र के पहले से ही सेक्स के प्रति इच्छा  जागृत होने लगती है

ऐसी स्थिति को कैसे हैंडल करें


 यदि आप जान गये हैं कि आपके बच्चे ने आप को सेक्स करते हुए देख लिया है तो सबसे पहले मैं कुछ समय के लिए बाहर भेज दें ताकि आप अपने आप को शारीरिक और मानसिक रूप से व्यवस्थित कर सकें और बच्चे को भी सोचने समझने तथा अपने आपपर काबू पाने का थोड़ा वक्त मिल सके कई बार बच्चे के मन में यह गलतफहमी बैठ जाती है कि उनके पिता मां को मारना चाहते हैं या उसे तकलीफ पहुंचा रहे हैं और वह पिता को नफरत करने लगता है ऐसेमें बच्चे को समझाएं कि यह शादी के बाद पति पत्नी का एक दूसरे के प्रति प्यार का इजहार करने का तरीका है इसमें तुम्हारी मां को खुशी भी मिलती है और सभी बच्चों के माता-पिता सही करते हैं बच्चे के सामने संकोच होता है इसलिए बंद कमरेमें किया जाता है मगर आज गलती से दरवाजा खुला रह गया धीरे-धीरे और बड़ा होगा तो खुद ब खुद इस बात का भी फर्क पड़ता है कि बच्चे की उम्र क्या है यदि 8 साल से कम उम्र के बच्चे नदेखा है तो उस पर इतना फर्क नहीं पड़ता और यदि उससे बड़ा है तो सोचने वाली बात यह है कि बच्चा ज्यादा संवेदनशील है तब भी उनके मन प्रभाव पड़ सकता है

माता-पिता पर प्रभाव ऐसी


 स्थिति में सिर्फ बल्कि माता-पिता भी प्रभावित होते हैं
घबराहट के मारे पिता को इरेक्शन न होने की शिकायत हो सकती है
दोनों की मानसिक आघात  लग सकता है।
अगर आपको कोइ  प्रेशानी है तो कॉमेंट बॉक्स में बताए और आपको post कैसी लगी ज़रूर बताए

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